सावधान: मछली खाने से हो सकता है कैंसर, इस राज्य में लग सकता है प्रतिबंध ban on fish eating
बिहार में रहकर मछली खाना किसी खतरे से कम नहीं है. बिहार में मछलियों के खाने से आप कैंसर जैसी घातक बीमारी की चपेट में आ सकते हैं.
पटना: आप मछली खाने के शौकिन हैं और अपने स्वास्थ्य से प्यार है तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है. आंध्र प्रदेश से आने वाली मछलियों को या बिहार में रहकर मछली खाना किसी खतरे से कम नहीं है. बिहार में मछलियों के खाने से लोग कैंसर जैसी घातक बीमारी की चपेट में आ सकते हैं. दरअसल बिहार में आने वाली मछलियों में फर्मलीन, कैडमियम लेड और फॉर्मल डिहाइड की मात्रा पाई गई है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है.
फर्मलीन से होता है कैंसर
फर्मलीन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की खबरें आ रही थी. दरअसल फर्मलीन का प्रयोग मछलियों को अधिक दिनों तक सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है. इसके इस्तेमाल से कैंसर होने की संभावना बहुत अधिक होती है.
फर्मलीन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की खबरें आ रही थी. दरअसल फर्मलीन का प्रयोग मछलियों को अधिक दिनों तक सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है. इसके इस्तेमाल से कैंसर होने की संभावना बहुत अधिक होती है.
कैडमियम भी होता है खतरनाक
कैडमियम, ई कचरे और औद्योगिक कचरे में पाया जाने वाला बेहद नुकसान पहुंचाने वाला तत्व है. मछलियां अक्सर पानी में कैडमियम युक्त भोजन करती हैं और इसकी थोड़ी सी भी मात्रा हमारे जीवन में विभिन्न बीमारियों का कारण बन सकती है. इससे बुखार, मांस पेशियों में दर्द, ब्रांकाइटिस, निमोनिया के अलावा लीवर पर घातक प्रभाव पड़ सकता है और न केवल वे डैमेज हो सकते हैं बल्कि कैंसर भी हो जाता है.
कैडमियम, ई कचरे और औद्योगिक कचरे में पाया जाने वाला बेहद नुकसान पहुंचाने वाला तत्व है. मछलियां अक्सर पानी में कैडमियम युक्त भोजन करती हैं और इसकी थोड़ी सी भी मात्रा हमारे जीवन में विभिन्न बीमारियों का कारण बन सकती है. इससे बुखार, मांस पेशियों में दर्द, ब्रांकाइटिस, निमोनिया के अलावा लीवर पर घातक प्रभाव पड़ सकता है और न केवल वे डैमेज हो सकते हैं बल्कि कैंसर भी हो जाता है.
मिली जानकारी के अनुसार आंध्र प्रदेश से आने वाली मछलियों में बड़ी मात्रा में फर्मलीन का प्रयोग किया जाता है. इसकी पुष्टि के लिए जांच के लिए सैंपल कोलकाता भेजे गए थे जहां सभी 10 मानकों पर निगेटिव रिपोर्ट आए. इसका मतलब साफ है कि बिहार में मछली खाना आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है.
इंफेक्शन का भी होता है खतरा
फर्मलीन युक्त या दूषित मछलियों को खाने से बैक्टिरियल इंफेक्शन का भी खतरा अधिक होता है. कई बार लोग जल्दी रिकवर कर लेते हैं लेकिन अगर इम्यून सिस्टम कमजोर हो तो इंफेक्शन की वजह से लोगों की जान तक जा सकती है. इसलिए कभी भी ऐसी चीजों को खाने से पहले अच्छे से जांच पड़ताल करें ताकि इसे खाना भारी ना पड़े.
फर्मलीन युक्त या दूषित मछलियों को खाने से बैक्टिरियल इंफेक्शन का भी खतरा अधिक होता है. कई बार लोग जल्दी रिकवर कर लेते हैं लेकिन अगर इम्यून सिस्टम कमजोर हो तो इंफेक्शन की वजह से लोगों की जान तक जा सकती है. इसलिए कभी भी ऐसी चीजों को खाने से पहले अच्छे से जांच पड़ताल करें ताकि इसे खाना भारी ना पड़े.
करें रिसर्च...
फर्मलीन के अलावा जिन मछलियों में मिथाइल मर्करी अधिक मात्रा में पाई जाती है उन्हें खाने से बचना चाहिए. मिथाइल मर्करी खासकर प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए खाना घातक हो सकता है क्योंकि मिथाइल मर्करी भ्रुण के मस्तिष्क, नर्वस सिस्टम और किडनी को क्षति पहुंचाता है। यह एक जहरीला रसायन है जो प्लासेंटा के जरिये भ्रुण तक जाकर उसको नुकसान पहुंचाता है.
फर्मलीन के अलावा जिन मछलियों में मिथाइल मर्करी अधिक मात्रा में पाई जाती है उन्हें खाने से बचना चाहिए. मिथाइल मर्करी खासकर प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए खाना घातक हो सकता है क्योंकि मिथाइल मर्करी भ्रुण के मस्तिष्क, नर्वस सिस्टम और किडनी को क्षति पहुंचाता है। यह एक जहरीला रसायन है जो प्लासेंटा के जरिये भ्रुण तक जाकर उसको नुकसान पहुंचाता है.
बिहार में लग सकता है प्रतिबंध
सभी 10 मानकों पर निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद बिहार में अब सरकार मछलियों पर जल्द ही बैन लगा सकती है. फर्मलीन की पुष्टि के बाद अधिकतर मछली बाजार बंद पाए गए हैं. सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक मछलियों पर प्रतिबंध के पक्ष में है और सरकार जल्द ही इसपर फैसला ले सकती है.
सभी 10 मानकों पर निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद बिहार में अब सरकार मछलियों पर जल्द ही बैन लगा सकती है. फर्मलीन की पुष्टि के बाद अधिकतर मछली बाजार बंद पाए गए हैं. सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक मछलियों पर प्रतिबंध के पक्ष में है और सरकार जल्द ही इसपर फैसला ले सकती है.
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