ट्रेन में न झेलनी पड़े शर्मिंदगी, इस बिहारी लड़की का रेल मिनिस्टर को ट्वीट tweet to railway minister Campaign For Sanitary Napkin By Saharsa Girl Richa Rajpoot
रेलवे मिनिस्ट्री और रेलमंत्री पीयूष गोयल को ट्वीट करने के बाद ऋचा राजपूत गांव-गांव में जाकर कैंपेन चला रही हैं।
पटना.बिहार के सहरसा की रहने वाली ऋचा सिंह राजपूत इनदिनों सोशल मीडिया में चर्चा में हैं। उन्होंने ट्रेन में सेनेटरी पैड की व्यवस्था होने के लिए रेलवे मीनिस्टर पीयूष गोयल और रेलवे मिनिस्ट्री को ट्वीट किया है। इसके बाद से ही वे चर्चा में हैं। दरअसल, पिछले महीने ट्रैवलिंग के दौरान ऋचा का एक्सपीरिएंस ऐसा रहा कि उन्हें लगा कि ट्रेन में टीटीई के पास इसकी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि कभी किसी लड़की या महिला को जरुरत हो तो उसे आसानी से मिल जाए और उसे कहीं शर्मिंदा न होना पड़े।
पटना.बिहार के सहरसा की रहने वाली ऋचा सिंह राजपूत इनदिनों सोशल मीडिया में चर्चा में हैं। उन्होंने ट्रेन में सेनेटरी पैड की व्यवस्था होने के लिए रेलवे मीनिस्टर पीयूष गोयल और रेलवे मिनिस्ट्री को ट्वीट किया है। इसके बाद से ही वे चर्चा में हैं। दरअसल, पिछले महीने ट्रैवलिंग के दौरान ऋचा का एक्सपीरिएंस ऐसा रहा कि उन्हें लगा कि ट्रेन में टीटीई के पास इसकी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि कभी किसी लड़की या महिला को जरुरत हो तो उसे आसानी से मिल जाए और उसे कहीं शर्मिंदा न होना पड़े।
क्या कहती हैं ऋचा राजपूत
- ऋचा ने DainikBhaskar.com से बात करते हुए बताया कि पिछले महीने वे ट्रेन से कही सफर पर जा रही थी।
- इस दौरान उन्हें ऐसा फील हुआ कि उनके परियड्स आ गए। हालांकि चेक किया तो ऐसा नहीं था।
- बाद में उन्हें लगा कि अगर ऐसा होता तो क्या होता। उनके पास पैड्स भी नहीं थे। तो उन्होंने इसे जिम्मेदार लोगों के सामने लाने की सोची।
- उन्होंने रेलवे मिनिस्ट्री और रेल मंत्री पियूष गोयल को ट्वीट किया कि ट्रेन में टीटीई के पास पैड्स होने चाहिए।
- उन्होंने बताया कि इससे पहले का भी उनका एक्सपीरिएंस खराब था। बिहार के कोसी एरिया में एक बार उन्हें पता चला कि यहां की महिलाएं पीरिएड्स में राख और कपड़े का इस्तेमाल करती हैं।
कौन है ऋचा राजपूत
- इस दौरान उन्हें ऐसा फील हुआ कि उनके परियड्स आ गए। हालांकि चेक किया तो ऐसा नहीं था।
- बाद में उन्हें लगा कि अगर ऐसा होता तो क्या होता। उनके पास पैड्स भी नहीं थे। तो उन्होंने इसे जिम्मेदार लोगों के सामने लाने की सोची।
- उन्होंने रेलवे मिनिस्ट्री और रेल मंत्री पियूष गोयल को ट्वीट किया कि ट्रेन में टीटीई के पास पैड्स होने चाहिए।
- उन्होंने बताया कि इससे पहले का भी उनका एक्सपीरिएंस खराब था। बिहार के कोसी एरिया में एक बार उन्हें पता चला कि यहां की महिलाएं पीरिएड्स में राख और कपड़े का इस्तेमाल करती हैं।
कौन है ऋचा राजपूत
- ऋचा की मम्मी नूतन सिंह और पापा राकेश कुमार सिंह दोनों एडवोकेट हैं। ऋचा तीन बहनों में सबसे बड़ी हैं। उनसे छोटी उनके घर में नेहा और प्रिनू सिंह हैं।
- उनकी 10वीं और 12वीं तक की पढ़ाई मधेपुरा से हुई है। इसके बाद उन्होंने पटना के एएन कॉलेज से इंग्लिश में मास्टर्स किया है।
- बता दें कि ऋचा एनसीसी कैडेट भी रह चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने डिजास्टर मैनेजमेंट में डिप्लोमा किया है। साथ ही वे साल 2015 में मिस बिहार दीवा रही हैं।
- उनकी 10वीं और 12वीं तक की पढ़ाई मधेपुरा से हुई है। इसके बाद उन्होंने पटना के एएन कॉलेज से इंग्लिश में मास्टर्स किया है।
- बता दें कि ऋचा एनसीसी कैडेट भी रह चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने डिजास्टर मैनेजमेंट में डिप्लोमा किया है। साथ ही वे साल 2015 में मिस बिहार दीवा रही हैं।
कैसे करती हैं लोगों की हेल्प
- ऋचा ने बताया कि वो गांव-गांव जाती हैं और महिलाओं के साथ-साथ लड़कियों को पैड्स के बारे में बताती हैं।
- उन्होंने बताया कि कई महिलाएं तो इसलिए नहीं लेतीं, कहती हैं ये तो पतला है। दाग लग जाएंगे।
- फिर ऋचा पानी लेकर महिलाओं और लड़कियों को डेमो दिखाती हैं और बताती हैं कि ये हर लिहाज से सेफ है।
- उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्हें फिलहाल कहीं से कोई हेल्प नहीं मिल रही है। ऋचा के मुताबिक, उनका खुद का बिजनेस है।
- उनका 'द केदार हाउस' नाम से खुद का फर्म है। इसमें वे हैंडक्राफ्ट्स, मधुबनी पेंटिंग्स और सोशल वर्क जैसे सब्जेक्ट्स पर काम करती हैं।
- इस बिजनेस से जो भी कमाई होती है, उस पैसे से वो पैड्स खरीद कर महिलाओं और लड़कियों के बीच डिस्ट्रीब्यूट कर रही हैं।
- उन्होंने बताया कि कई महिलाएं तो इसलिए नहीं लेतीं, कहती हैं ये तो पतला है। दाग लग जाएंगे।
- फिर ऋचा पानी लेकर महिलाओं और लड़कियों को डेमो दिखाती हैं और बताती हैं कि ये हर लिहाज से सेफ है।
- उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्हें फिलहाल कहीं से कोई हेल्प नहीं मिल रही है। ऋचा के मुताबिक, उनका खुद का बिजनेस है।
- उनका 'द केदार हाउस' नाम से खुद का फर्म है। इसमें वे हैंडक्राफ्ट्स, मधुबनी पेंटिंग्स और सोशल वर्क जैसे सब्जेक्ट्स पर काम करती हैं।
- इस बिजनेस से जो भी कमाई होती है, उस पैसे से वो पैड्स खरीद कर महिलाओं और लड़कियों के बीच डिस्ट्रीब्यूट कर रही हैं।
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